मानव वन्य जीव संघर्ष नियंत्रण को लेकर बाघ मित्रों की बैठक संपन्न, कतर्नियाघाट के तीन रेंजों में आयोजित हुआ कार्यक्रम
जैद खान, उवेश रहमान: जनपद बहराइच के कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के मूर्तिहा रेंज परिसर व कारिकोट वन चौकी पर डब्लू डब्लू एफ इंडिया और वन विभाग के तत्वाधान में बाघ मित्रों की एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक का उद्देश्य कतर्नियाघाट वन्यजीव विहार में बढ़ते मानव वन्यजीव संघर्ष पर अंकुश लगाना है। बैठक में मूर्तिहा, धर्मापुर, कतर्नियाघाट, सुजौली और निशानगाड़ा के बाघ मित्रों और फील्ड स्टाफ ने प्रतिभाग किया। बैठक की अध्यक्षता उप प्रभागीय वनाधिकारी गिरिजापुरी रमेश चौहान ने किया तथा संचालन करते हुए डब्लू डब्लू एफ के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी दबीर हसन ने प्रतिभागियों को बताया की इस समय गन्ना कटाई का सीजन चल रहा है जिससे गन्ने के खेतों में प्रवास करने वाले वन्य जीवों का प्रवास और शरण स्थल घट रहें हैं जिसके फलस्वरूप बाघ तेंदुओं के बीच आपसी संघर्ष, मनुष्यों और मवेशियों पर हमले की संभावना बढ़ जाती है । ऐसी दशा में बाघ मित्रों की भूमिका बढ़ जाती है वह लगातार ग्रामीणों और वन विभाग के स्टाफ के संपर्क में रहें यदि कोई घटना प्रकाश में आती है अथवा वन्यजीव का मूवमेंट होता है तो उसकी सूचना अधिकारियों को प्रेषित करें उनसे दिशा निर्देश मिलने के पश्चात कार्यवाही में सहयोग प्रदान करें।
उप प्रभागीय वनाधिकारी रमेश चौहान ने बाघ मित्रों को सूचना तंत्र विकसित करने हेतु सुझाव दिया और कहा कि बाघ मित्र बिना किसी राग द्वेष की भावना से ग्रामीणों के सहयोग और वन्य वन्यजीव संरक्षण हितों के लिए कार्य करें। उन्होंने बाघ मित्रों को आवश्यक सामग्री जैसे टॉर्च और पटाखे आदि उपलब्ध कराने हेतु डब्लू डब्लू एफ से अनुरोध किया ।
क्षेत्रीय वनाधिकारी धर्मापुर और मूर्तिहा मोबिन आरिफ ने बाघ मित्रों को खेतों में काम करने के समय और रात्रि में आवागमन के समय बरतने वाले सावधानियों के बारे में बताया तथा यह कहा की यदि हम इस प्रकार की सावधानियों से मानव वन्यजीव संघर्ष की घटना से बचा जा सकता है उन्होंने बाघ मित्रों से अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करने हेतु अनुरोध किया।
प्रभारी क्षेत्रीय वनाधिकारी निशानगाड़ा राधेश्याम ने कारीकोट चौकी पर पहुंचे बाघ मित्रों से अनुरोध किया कि अधिक से अधिक लोगों से संपर्क करें तथा तेंदुआ के पद चिन्हों और उनके आवाज तथा किसी भी मवेशी के शिकार की सूचना तत्काल प्रेषित करें तथा लोगों को जागरूक करें। उन्होंने शीघ्र इको विकास समितियों को जागृति करने हेतु बताया तथा माइक्रोप्लानिंग में बाघ मित्रों की मदद हेतु आग्रह किया।
कार्यक्रम में विशेष अतिथि पूर्व प्रभागीय वनाधिकारी आनन्द कुमार ने मानव वन्य जीव संघर्ष रोकने में जनजागरूकता का विशेष अभियान चलाया जाएगा और बाघ मित्र उसमे बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं उन्होंने स्थानीय समुदाय के हितों पर जोर दिया उनके शिक्षा,रोजगार,स्वास्थ्य और मूलभूत सुविधाओं के मुद्दे पर वन विभाग और संस्थाओं को आगे आने की जरूरत को बताया और कहा जिस दिन ग्रामीण आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूत होगा तो वनों पर उनका दबाव कम होगा तथा जागरूक होने के पश्चात वन्यजीव संरक्षण का कार्य करेगा। कार्यक्रम में वन दरोगा पवन शुक्ला , वन रक्षक सुनील कुमार, बब्बन प्रसाद मिश्रा, कौशल किशोर सिंह , फील्ड सहायक मंसूर अली, बाघ मित्र जय प्रकाश, संदीप सिंह,राजेश कुमार,छोटेलाल , राम प्रताप , इजहार अहमद , बहोरी लाल , धर्मराज व महिला बाघ मित्र सुनीता देवी , कृष्णावती,सीमा देवी, पूजा, गोमती देवी आदि उपस्थित रहीं।
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