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रेस्कयू के बाद इलाज के दौरान बाघ की मौत

उवेश रहमान, जुनैद खान: जनपद के कतर्नियाघाट वन क्षेत्र अंतर्गत भारत-नेपाल सीमा के समीप जंगल से सटे बर्दिया गांव में शनिवार की सुबह धान के खेत में काम कर रहे दो किसानों पर हमला कर घायल करने के बाद बाघ खेत में डटा रहा। घटना की जानकारी मिलते ही डीएफओ कतर्नियाघाट आकाशदीप बधावन के दिशानिर्देश पर वन कर्मियों की टीम एसटीपीएफ व पुलिस बल के साथ मौके पर पहुची। इस दौरान फील्ड डायरेक्टर दुधवा टाइगर रिजर्व ललित कुमार वर्मा के पहुचने पर पशु चिकित्सकों के साथ रेस्क्यू कर बाघ को पकड़ लिया गया। जिसे रेंज कार्यालय कतर्नियाघाट ले जाया गया। जिसके बाद इलाज के दौरान बाघ की मौत हो गई। डीएफओ आकाशदीप बधावन ने बताया कि तीन डॉक्टरों का पैनल कतर्नियाघाट रेंज परिसर में बाघ के शव का पोस्टमार्टम एनटीसीए के प्रोटोकॉल के तहत करेगा जिसकी टीम गठित की जा रही है। डीएफओ आकाशदीप बधावन के निर्देशन में पोस्टमार्टम की कार्यवाही दोपहर तक शुरू की जाएगी जिसमें प्रमुख रूप डॉ0 दया शंकर, डॉ0 दीपक वर्मा, पशु चिकित्सक दुधवा टाइगर रिजर्व मौजूद रहेंगे। एनटीसीए के प्रतिनिधि के रूप में डब्ल्यू डब्ल्यू एफ के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी दबीर हसन भी मौजूद रहेंगे। पोस्टमार्टम के बाद बाघ के मौत की वजह पता चल सकेगा।

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